Basant panchami क्यों मनाते है ? महत्व जाने

Basant panchami क्यों मनाते है ? महत्व जाने। आप भी जानना चाहते है, कि Basant panchami क्यों मनाते है। तो आप सही जगह पर आये है।

हमारे देश अपनी संस्कृति और सभ्यता में बहुत प्रशिद्ध है। हमारे देश में सभी पर्व व् त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाये जाते है। हमारे भारत देश में अलग-अलग धर्म और जाति के रहते है, लेकिन सबसे अच्छी बात ये है, कि हमारे देश में इतने सारे धर्म और त्यौहार होने के बावजूद भी हम सभी मिलकर सभी त्योहारों को मानते है। ये ही हम भारतीयों की पहचान है। इसलिए विदेशी लोग भी हमारी संस्कृति और सभ्यता की और आकर्षित होते है।

इन्ही त्योहारों में से एक त्यौहार Basant panchami है। आप में से बहुत सारे लोगो ने Basant panchami के बारे में सुना होगा , लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है, जो Basant panchami के बारे में नहीं जानते है। आज के इस आर्टिकल में हम आप लोगो को बतायेँगे, कि बसंत पंचमी क्यों मानती जाती है। तो अब Basant panchami क्यों मनाते है? के बारे में विस्तार से जानते है।

बसंत (वसंत )पंचमी क्या होती हैं ?

दोस्तों Basant panchami क्यों मनाते है? ये जानने से पहले हम आपको ये बता दे कि आखिर में बसंत पंचमी क्या होती है ? बसंत पंचमी को हिंदी की शुद्ध भाषा में वसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है।

लेकिन अधिकतर लोग वसंत पंचमी पंचमी को बसंत पंचमी के नाम से ही जानते है। इसलिए Basant panchami का त्यौहार बसंत पंचमी के नाम से प्रशिद्ध है। Basant panchami के त्यौहार एक मात्र ऐसा त्यौहार है, जो बसंत ऋतू के आगमन की इंगित करता है।

basant panchami kyon manayi jati hai
basant panchami kyon manayi jati hai

Basant panchami को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन माँ सरस्वती को पूजा अर्चना की जाती है। और माँ सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। सरस्वती , विद्या शब्द का ही एक पर्यावाची है, इसलिए सभी सरस्वती माँ की पूजा करते है।

प्रतिदिन विद्यालयों और कॉलेज में सरवस्ती माँ की पूजा की जाती है। और ज्ञायत्री मंत्र का जाप किया जाता है।

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी के दिन से ही भयावह सर्दिया ख़तम होने लगती है। और वातावरण में चारो और हर्षो-उल्लास का माहौल बन जाता है। बसंत पंचमी से ही हलकी गर्मी और सर्दी होती है, और खेतो में चारो और सरसो के पिले-पिले पुष्प आने लगता है, और वातावरण सुहाना हो जाता है।

Basant panchami को ऋतुओ का राजा भी कहा जाता है, क्योंकि बसंत ऋतू लोगो में खुशियाँ लती है और वातावरण भी अच्छा हो जाता है। इस दिन माँ सरस्वती की पूजा की जाती है और माँ को पीले चावल या पीले पकवानो का भोग लगाया जाता है।

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वसन्त ऋतु के आते ही इंसान ही नहीं बल्कि पशु व पक्षी भी एक अलग ही उल्लास में रंग जाते हैं. वसन्त ऋतु प्रकृति को समर्पित मानी जाती है क्योंकि वसन्त ऋतु में पेड़ो पर नए पत्ते आने लगते हैं और पौधों में कलिया आने लगती हैं जो आगे जाकर सुंदर फूल बनकर आसपास के वातावरण को महकाती हैं।

बसंत ऋतू में पेड़ो के पुराने पत्ते झड़ झाते है और नए नए पते और कालिया आने लगती है, जो पेड़ों को नयी खूबसूरती प्रदान करती है। बसंत ऋतू पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए खास मणि जाती है, क्योंकि न तो ज्यादा सर्दी होती है और न ही गर्मी इसलिए यदि आप भी स्टूडेंट है या फिर कोई ही काम करते है, आज से ही अपने काम में जुट जाइये और अपने लक्ष्य को पूरा कीजिये।

Basant panchami क्यों मनाते है ?

दोस्तों Basant panchami मनाने के बहुत से कारण है। सबसे पहला कारण तो ये है,कि इस दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती का जन्म हुआ था और माँ सरस्वती के बिना हमारा ज्ञान व्यर्थ है।

happy bansat panchami
happy bansat panchami

अलग-अलग लोग या समुदाय अपनी रीती और रिवाजो के अनुसार Basant panchami का त्यौहार मनाते है। कोई भी त्यौहार अपने रीती रिवाजो और संस्कृति को लोगो में ज़िंदा रखने के लिए मनाये जाते है। आज जंहा लोग अपने संस्कारो को भूलते जा रहे है, वँहा पर हमारे पुराने त्योहारों और संस्कृति को उनको याद दिलाना जरूरी है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी हमारे संस्कारो और त्योहारों का बोध हो।

हिंदू पौराणिक कथाओं, में प्रचलित एक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की थी। उन्होंने पेड़ पौधों जीव जंतु और मनुष्य बनाए, लेकिन उन्हें लगा कि उनकी रचना में कुछ कमी रह गई। इसलिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे 4 हाथों वाली सुंदर स्त्री प्रकट हुई।

उस स्त्री के हाथ में वीणा दूसरे हाथ में पुस्तक और तीसरे हाथ में माला और चौथे हाथ वर मुद्रा में थे। ब्रह्मा जी ने सुंदर देवी से वीणा बजाने को कहा, जैसे वीणा बजी ब्रह्मा जी के द्वारा बनाई हर चीज में स्वर आ गया। तभी ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती का नाम दिया। उस दिन बसंत पंचमी थी और उस दिन से ही मां सरस्वती को बसंत पंचमी को पूजा जाने लगा।

बसंत पंचमी कब आती है?

दोस्तों बसंत पंचमी, भारतीय महीने मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। अंग्रजी महीने में बंसत पंचमी का त्यौहार जनवरी या फरवरी में आता है।

आज दिनांक 5 फ़रवरी 2022 को पुरे भारत देश में बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है।

बसंत पंचमी कोनसे माह में मनाई जाती है ?

बसंत पंचमी शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।

अंग्रेजी महीने में बसंत पंचमी कब आती है ?

जनवरी या फरवरी के महीने में।

बसंत पंचमी को किसकी पूजा की जाती है ?

बसंत पंचमी को माँ सरस्वती की पूजा की जाती है।

विद्या की देवी किसे कहते है?

माँ सरस्वती को।


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आज आपने क्या सीखा?

दोस्तों मुझे उम्मीद है, कि आपको हमारा लेख (Basant panchami क्यों मनाते है ?) पसंद आया होगा। हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है, कि सही सटीक और पूरी जानकारी मिले।

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