diwali essay in hindi:- इस post में हमने diwali पर hindi essay शेयर किया है| दिवाली क्यों मनाते है? दिवाली पर किसकी पूजा करते है ? इन सब की सारी जानकारी बताई है।
दीपावली का अर्थ है – दीपों की पंक्तियां। दीपावली के दिन प्रत्येक घर दीपों की पंक्तियों से शोभायमान रहता है। दीपों, मोमबत्तियों और बिजली की रोशनी से घर का कोना-कोना प्रकाशित हो उठता है। इसलिए दीपावली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है।
दीपावली कार्तिक माह की अमावस को मनाई जाती है। रोशनी से अंधकार दूर हो जाता है। इसी तरह मन में अच्छे विचारों को प्रकाशित कर हम मन के अंधकार को दूर कर सकते हैं।
यह त्योहार अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आता है। एक-दो हफ्ते पूर्व से ही लोग घर, आंगन, मोहल्ले और खलिहान को दुरुस्त करने लगते हैं। बाजार में रंग-रोगन और सफेदी के सामानों की खपत बढ़ जाती है। ठंडे मौसम की हल्की-सी आहट से तन-मन की शीतलता बढ़ जाती है। diwali essay in hindi.

diwali essay in hindi | दिवाली पर निबंध हिंदी में
दीपावली का दिन आने पर घर में खुशी की लहर दौड़ जाती है। बाजार में मिट्टी के दीपों, खिलौनों, खील-बताशों और मिठाई की दुकानों पर भीड़ होती है। दुकानदार, व्यापारी अपने बहीखातों की पूजा करते हैं और कई इसी दिन नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत भी करते हैं।
संध्या के समय घर-आंगन और बाजार जगमगा उठते हैं। पटाखों की गूंज और फुलझड़ियों के रंगीन प्रकाश से चारों ओर खुशी का वातावरण उपस्थित हो जाता है। घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं। बच्चों की स्कूल की छुट्टियों से इस त्योहार का मजा दोगुना हो जाता है।
रात्रि में पटाखे चलाए जाते हैं। लगभग पूरी रात पटाखों का शोरगुल बना रहता है। दीपावली की बधाइयों के आदान-प्रदान का सिलसिला चल पड़ता है।
diwali essay in hindi 100 words
इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे, जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं।
diwali essay in hindi for child
- भारत में कई त्यौहार हैं। लेकिन दिवाली हिंदुओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। दिवाली का दूसरा नाम दीपावली है। यह रोशनी का त्यौहार है। यह हर साल कार्तिक के महीने में पड़ता है। यह रोशनी, खुशी, प्यार, स्नेह का त्यौहार है|
- लोग अपने घरों को साफ और सफ़ेद करते हैं। पुरुष और महिलाएं, लड़कियां और लड़के, बूढ़े और युवा नए कपड़े पहनते हैं।
- वे नए कपड़े और कई अन्य चीजें खरीदते हैं। यह खुशी का त्यौहार है।
- दिवाली पर, महिला विशेष भोजन तैयार करती है जो बहुत स्वादिष्ट होता है।
- रात में, हल्का दीपक और मोमबत्तियां अपना घर sajate है।

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दीपावली का त्यौहार मनाने की परंपरा कब और क्यों हुई
इस दिन अयोध्या के राजा दसरथ के बेटे भगवान श्री राम लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके और १४ वर्ष का वनवास काटकर जब भगवान श्री राम अयोध्या वापस लोटे थे तब उनकी विजय और आगमन की ख़ुशी के प्रतिक रुप में अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को दीपो से प्रकाशित किया था l
अब इस त्यौहार उसी दिन का स्मरण करके अंधकार एवं अन्याय-अत्याचार के विरूद्ध हमेशा संधर्ष करते रहने की चेतना उजागर किये रहने के लिए ही उस दिन से प्रत्येक भारतवाशी इस दिन दिप जलाकर हार्दिक हर्षोउल्लास प्रकट करते है और प्रसन्ता के सूचक पटाखे फोड़कर और मिठाईया बाटकर अपनी प्रसन्ता का आदान प्रदान करते है।
इस दिन जैन तीर्थकर भगवान महावीर ने जैतन्य की प्राण प्रतिष्ठा करते हुए महानिर्वाण प्राप्त किया था l स्वामी दयानंद ने भी इस दिन निर्वाण प्राप्त किया था l सिख संप्रदाय के छठे गुरु हरगोविंदजी को बंदीगृह से छोड़ा गया था इसलिए लोग ने दीपमाला सजाई थी diwali essay in hindi.
दीवाली पर निबंध हिंदी में 400 words
दीपावली भारतीय संस्कृति का सर्वप्रमुख त्यौहार है। हमारे जीवन में प्रकाश फैलाने वाला दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं।
ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है।
साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है।

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भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।
अन्य त्यौहारों की तरह दीपावली के साथ भी कई धार्मिक तथा ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं।
diwali par nibandh in hindi
भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। तब नगर वासियों ने उनके आने की खुशी में अयोध्या को साफ-सुथरा करके दीपों से और फूलो, रंगोली, से पूरीे अयोध्या नगरी को इस तरह सज़ा दिया की मानो जैसे वो एक दुल्हन हो तब से लेकर आज तक यह परम्परा चली आ रही है।
यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन के गम के अंधेरों को खत्म करके उजाले की ओर जाए अपने मन के अंधेरों को भी खत्म करे यही दीपावली का त्यौहार है।
दीपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार है यह हमारे जीवन में खुशियां लेकर आता है। इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। यह त्योहार हमें जीवन को एक नए तरीके से जीने की सीख देता है।
Importance of Diwali Festival in Hindi
अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। मान्यता है कि इस दिन कोई-न-कोई नया बर्तन अवश्य खरीदना चाहिए।
इस दिन नया बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं।

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वहीं व्यापारी तथा दुकानदार भी अपनी-अपनी दुकानें सजाने लगते हैं। इस दिन बाजार में मेले जैसा माहौल होता है।
दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है एक दूसरे को बधाइयां देते है। बच्चे खिलौने और पटाके खरीदते है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है।
देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते है। लोग अपने इष्ट-मित्रों के यहां मिठाई का आदान-प्रदान करके दीपावली की शुभकानाएं लेते देते हैं।
कहा जाता है कि दीपावली मनाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सदगृहस्थों के घर निवास करती हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनाई जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती।
अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।
उपसंहार
दोस्तों मुझे उम्मीद है, कि आपको हमारी इस पोस्ट (diwali essay in hindi | दिवाली पर निबंध हिंदी में) से आपको दिवाली/ दीपावली फेस्टिवल के बारे में जानकारी मिल गयी होगी, की दिवाली क्यों मनाई जाती है, और ये कितने दिन तक मनाई जाती है।
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